आस्ट्रेलिया के खिलाफ चौदह बरस की नाकामियों का हिसाब चुकता करने उतरेगी टीम इंडिया

दुबई । अतीत में ऐसा करने में भले ही वे नाकाम रहे हों लेकिन इस बार स्पिनरों के शानदार प्रदर्शन और हालात से वाकफियत के दम पर भारतीय टीम चैम्पियंस ट्रॉफी सेमीफाइनल में मंगलवार को आस्ट्रेलिया के खिलाफ उतरेगी तो आईसीसी टूर्नामेंटों के नॉकआउट मुकाबलों में मिले हर जख्म पर मरहम लगाने का इरादा होगा। इसके साथ ही 2023 में अपनी धरती पर विश्व कप फाइनल में मिली हार का बदला चुकता करने का भी यह सुनहरा मौका है जब भारत के दस मैचों के अश्वमेध अभियान पर फाइनल में आस्ट्रेलिया ने नकेल कसी थी।
यह उतना आसान भी नहीं होगा क्योंकि पैट कमिंस , जोश हेजलवुड और मिचेल स्टार्क के बगैर भी आस्ट्रेलियाई टीम काफी मजबूत है। कुछ दिन पहले लाहौर में इंग्लैंड के खिलाफ 352 रन के लक्ष्य को हासिल करके उसने एक बार फिर यह साबित कर दिया है।भारत को आखिरी बार आईसीसी टूर्नामेंट के नॉकआउट चरण में आस्ट्रेलिया पर जीत 2011 विश्व कप के क्वार्टर फाइनल में मिली थी।
भारत को आस्ट्रेलिया ने 2015 वनडे विश्व कप सेमीफाइनल और 2023 वनडे विश्व कप फाइनल में हराया। इसके अलावा विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप फाइनल 2023 में भी भारत को हराकर खिताब जीता।इस बार भारतीय टीम चौदह बरस की नाकामियों का हिसाब चुकता करने उतरेगी और उसके आतमविश्वास का कारण टीम में आला दर्जे के स्पिनरों की मौजूदगी है।
टूर्नामेंट से पहले टीम में पांच स्पिनरों को शामिल करने के फैसले की काफी आलोचना हुई थी लेकिन दुबई की धीमी पिचों पर अब यह मास्टरस्ट्रोक साबित हो रहा है।यह भी कहा जा रहा है कि भारत को सारे मैच दुबई में खेलने का फायदा मिल रहा है लेकिन असलियत यह है कि भारतीय टीम ने अपने प्रदर्शन में लगातार सुधार के प्रयास किए हैं। ऐसा नहीं है कि पिच से इतनी टर्न मिल रही है कि भारतीय गेंदबाजों कामयाब रहे है बल्कि इन पिचों पर उनका संयम कारगर साबित हुआ है। न्यूजीलैंड के खिलाफ आखिरी लीग मैच में पांच विकेट लेने वाले स्पिनर वरूण चक्रवर्ती ने कहा , यहां पिच रैंक टर्नर नहीं है जैसा कि लोग बोल रहे हैं।