निजीकरण के विरोध में बिजली कर्मियों का राज्यव्यापी प्रदर्शन, निकाली रैली

लखनऊ। पूर्वांचल और दक्षिणांचल के निजीकरण की प्रक्रिया के विरोध कर रहे बिजली कर्मचारियों ने बुधवार को रैली निकालकर अपनी एकजुटता प्रदर्शित की। सवेरे से ही बड़ी संख्या बिजली कर्मचारी हाईडिल फील्ड हॉस्टल में एकत्र हो गए थे। इसके बाद फील्ड हॉस्टल से शुरू हुई रैली सिकन्दरबाग चौराहा, अशोक मार्ग, इन्दिरा भवन, जवाहर भवन, शक्तिभवन होते हुए मीराबाई मार्ग के रास्ते वापस फील्ड हॉस्टल पर समाप्त हुई। आखिर में फील्ड हॉस्टल पर आयोजित सभा में कर्मचारी नेताओं ने निजीकरण के विरोध में बड़ा आन्दोलन किए जाने का एलना किया।
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विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति की अगुवाई में हुई इस रैली में नेताओं ने प्रस्ताव पारित कर 29 मई से अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार करने का निर्णय लिया। इससे पहले 16 से 30 अप्रैल तक जनजागरण अभियान चलाया जायेगा। एक मई को बाईक रैली निकाली जायेगी, दो से नौ मई तक क्रमिक अनशन होगा, 14 से 19 मई तक नियमानुसार कार्य आन्दोलन होगा, 20 मई को व्यापक विरोध प्रदर्शन होगा और 21 से 28 मई तक तीन घण्टे का कार्य बहष्किार होगा। सभा को ऑल इण्डिया पॉवर इंजीनियर्स फेडरेशन के चेयरमैन शैलेन्द्र दुबे समेत अन्य नेताओं ने सम्बोधित किया।
उन्होंने कहा कि यदि निजीकरण वापस न लिया गया और किसी भी बिजली कर्मी का उत्पीड़न किया गया तो देश के 27 लाख बिजली कर्मी मूक दर्शक नहीं रहेंगे और राष्ट्रव्यापी आन्दोलन प्रारम्भ करने के लिए बाध्य होंगे जिसकी सारी जिम्मेदारी प्रदेश सरकार की होगी। रैली में विद्युत विभाग के अलावा तेलंगाना, आन्ध्रप्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखण्ड, पश्चिम बंगाल, उड़ीसा, जम्मू-कश्मीर, पंजाब, हरियाणा, उत्तराखण्ड से आए प्रतिनिधि भी शामिल हुए। राज्य विद्युत परिषद उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने निजीकरण के विरोध में बिजली कर्मचारियों के आन्दोलन का समर्थन किया और निजीकरण तत्काल वापस लेने की मांग की।