किसाना के हर महीने मिले 18 हजार रुपये: नरेश चौधरी

अमरोहा । भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश चौधरी ने कहा कि एमएसपी तय करने के लिए किसान आय और कल्याण आयोग (कमीशन फॉर फार्मर्स इन्कम एंड वेलफेयर) के नाम से अलग से एक आयोग बनाकर उसे दायित्व देना चाहिए कि वह किसानों के लिए न्यूनतम 18 हजार रुपये प्रतिमाह की आय सुनिश्चित करें।
आबादी सीधे या अपरोक्ष रूप से खेती बाड़ी से जुड़ी है ।
भाकियू संयुक्त मोर्चा के आह्वान पर गुरुवार को कलेक्ट्रेट पर आहूत किसान महापंचायत में बोलते हुए श्री चौधरी ने कहा कि जिस देश की 52 फीसदी आबादी सीधे या अपरोक्ष रूप से खेती बाड़ी से जुड़ी है, खेती किसानी को देश की अर्थव्यवस्था की जीवन रेखा बताने, सरकारों द्वारा किसानों की आजादीका संकल्प लिया जाता हो, उसके बावजूद भी खेती-किसानी, गांव-देहातों को हाशिए पर धकेलने का सिलसिला अभी जारी हैं, इससे यही पता चलता है कि सत्ता के गलियारों में बैठे नौकरशाह आज तक किसानों की समस्याओं को समझ नहीं पाए हैं या जानबूझकर अनभिज्ञ बने हुए हैं।
उन्होने कहा कि केंद्र में 2014 की भाजपा सरकार में बतौर वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा पांच प्राथमिकताओं में कृषि आय में वृद्धि को सर्वोच्च प्राथमिकता बताया गया था और अब ग्यारह साल बाद भी 2025 के बजट में कृषि आय सर्वोच्च प्राथमिकता बनी हुई है।
सरकार कृषि आय बढ़ाकर 40 हजार रुपये प्रतिमाह
यदि यह सही है तो जिस तरह 8वें वेतन आयोग को लागू किया गया है उस हिसाब से सरकार कृषि आय बढ़ाकर 40 हजार रुपये प्रतिमाह करने के लिए फिटनेस फैक्टर लागू करेंगी।किसान नेता ने मौजूदा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मांग करते हुए कहा है कि आगामी बजट में 8वें वेतन आयोग की तज़र पर किसानों के लिए न्यूनतम आय 18 हजार रुपये प्रतिमाह की आय के लिये प्रावधान करने जैसा प्रावधान लागू करें।
उन्होंने कहा कि खेती-बाड़ी पेशा नहीं है बल्कि एक जीवनशैली है, ग्रामीण संस्कृति का हिस्सा है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि भारत में खेती और गांव देहात का हाल जानने के लिए ग्रामीण एवं कृषि अध्ययन नेटवर्क (एनआरएएस)किसी काम का नहीं है।