महाकुंभ में भगदड़ में 30 लोगों की मौत, 60 से अधिक घायल

महाकुंभ नगर। मौनी अमावस्या के अवसर पर प्रयागराज महाकुंभ के संगम क्षेत्र में मंगलवार देर रात पवित्र स्नान करने के लिए बड़ी संख्या में तीर्थयात्रियों के पहुंचने से मची भगदड़ में 30 लोगों की मौत हो गई जबकि 60 से अधिक घायल हो गए। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। घटना के लगभग 16 घंटे बाद महाकुंभ में भगदड़ में 30 लोगों की मौत की पुष्टि करते हुए पुलिस उपमहानिरीक्षक (डीजीआई) वैभव कृष्ण ने बुधवार शाम को संवाददाता सम्मेलन में बताया कि इस हादसे में 60 से अधिक जख्मी हुए हैं। उन्होंने बताया कि मृतकों में से 25 लोगों की पहचान हो चुकी है।
डीआईजी के मुताबिक, भगदड़ में 36 घायलों का अभी इलाज चल रहा है। इससे पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस हादसे को अत्यंत दुखद करार दिया और इसमें अपने परिजनों को खोने वाले श्रद्धालुओं के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की।
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राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने भी मृतकों के परिजनों के प्रति अपनी संवेदनाएं प्रकट की। मुख्यमंत्री ने महाकुंभ में भगदड़ के बाद स्थिति की समीक्षा के लिए लखनऊ में मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक समेत अनेक वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक करने के बाद संवाददाताओं से कहा कि हादसे में कुछ श्रद्धालु गंभीर रूप से घायल हुए हैं।
उन्होंने कहा, रात में एक से दो बजे के बीच अखाड़ा मार्ग पर, जहां से अमृत स्नान की दृष्टि से बैरिकेड्स लगाए गए थे, उनको फांदकर आने में कुछ श्रद्धालु गंभीर रूप से घायल हुए हैं। उन्हें तत्काल अस्पताल पहुंचाकर उपचार की व्यवस्था की गई है। उनमें से कुछ श्रद्धालु गंभीर रूप से घायल हैं। महाकुंभ में भगदड़ के कारण संगम में अखाड़ों का स्नान सुबह के बजाय दोपहर करीब ढाई बजे शुरू हुआ। विभिन्न अखाड़ों के साधुओं ने संगम में आस्था की डुबकी लगाई।