
नई दिल्ली । कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने पोप फ्रांसिस के निधन पर सोमवार को दुख जताया और कहा कि वह अंतर-धार्मिक मेलजोल के पैरोकार और उत्कृष्ट मानवतावादी थे, जो अपने पीछे एक अत्यंत मूल्यवान विरासत छोड़ कर गए हैं। ईसाई धर्म के शीर्ष धर्मगुरू पोप फ्रांसिस का सोमवार सुबह निधन हो गया। वह 88 वर्ष के थे। खरगे ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, पोप फ्रांसिस के निधन से पूरी दुनिया दुखी है। उन्हें भावी पीढ़ी बेहद प्रभावशाली व्यक्तित्व के रूप में देखेगी। वह अंतर-धार्मिक समझ और संपर्क के निरंतर समर्थक थे।
वह वैश्विक शांति और सद्भाव की दिशा में काम करने वाले बहुत प्रभावशाली शक्ति थे, जिन्होंने सभी प्रकार के भेदभाव को समाप्त करने, आर्थिक असमानताओं को कम करने और जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से निपटने के लिए सहयोगात्मक प्रयासों जैसे कार्यों का सक्रिय रूप से समर्थन किया। उन्होंने कहा कि पोप फ्रांसिस वास्तव में एक प्रतिष्ठित व्यक्तित्व, उत्कृष्ट मानवतावादी थे, जिन्होंने अपने पीछे एक बहुत मूल्यवान विरासत छोड़ी है।
राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष ने कहा, कांग्रेस की ओर से, मैं विशेष रूप से हमारे देश और दुनिया के विभिन्न हिस्सों में रहने वाले हमारे ईसाई भाइयों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, करुणा, न्याय और शांति की वैश्विक आवाज पोप फ्रांसिस के निधन पर गहरा दुख हुआ।
वह कमजोर और हाशिए पर पड़े लोगों के साथ खड़े रहे, असमानता के खिलाफ निडर होकर बात की और प्रेम एवं मानवता के अपने संदेश से विभिन्न धर्मों के लाखों लोगों को प्रेरित किया। उन्होंने कहा, मेरी संवेदनाएं भारत और दुनिया भर में कैथोलिक समुदाय के साथ हैं। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी और पार्टी के कई अन्य नेताओं ने भी पोप फ्रांसिस के निधन पर दुख जताया।