ऐतिहासिक जीत : भाजपा ने 27 साल बाद दिल्ली में की वापसी

नयी दिल्ली। भाजपा ने दिल्ली में ऐतिहासिक जीत के साथ सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी को बाहर का रास्ता दिखते हुए 27 साल बाद दिल्ली की सत्ता में दो तिहाई बहुमत के साथ ऐतिहासिक जीत हासिल की है। दिल्ली विधानसभा की 70 सीटों के लिए हुए चुनाव के शनिवार को घोषित नतीजों में भाजपा को 48 सीटों पर जीत हासिल हुई है जबकि आप 22 सीटें मिली।
कांग्रेस इस विधानसभा चुनाव में शून्य की हैट्रिक लगाते हुए एक बार फिर खाता तक नहीं खोल सकी। दिल्ली में सत्ता विरोधी लहर इतनी जबरदस्त थी कि आप के शीर्ष नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री अरङ्क्षवद केजरीवाल और उनके निकटतम सहयोगी तथा पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया भी चुनाव हार गये। मंत्रिमंडल के दो मंत्री भी चुनाव हार गये हैं। नयी दिल्ली सीट पर श्री केजरीवाल को भाजपा के प्रवेश वर्मा ने 4089 मतों से हराया। पटपड़गंज सीट बदलकर जंगपुरा क्षेत्र से चुनाव मैदान में उतरे श्री सिसोदिया को भी हार का सामना करना पड़ा। हालांकि कड़े मुकाबले में मुख्यमंत्री आतिशी कालकाजी सीट से जीत गईं। इन दोनों सीटों पर कांग्रेस तीसरे स्थान पर रही। कांग्रेस ने नयी दिल्ली से संदीप दीक्षित तथा कालकाजी सीट पर महिला कांग्रेस की अध्यक्ष अलका लाम्बा को चुनाव मैदान में उतारा था।
आप ने 2015 के चुनाव में 70 में से 67 सीटें जीतकर सबको चौंका दिया था और फिर 2020 में 62 सीटें जीतकर सत्ता में वापसी की थी। श्री केजरीवाल को इस बार भी उसी प्रदर्शन की उम्मीद थी, लेकिन भाजपा की भारी जीत ने उसे 22 सीटों पर सिमट कर रख दिया। श्री केजरीवाल ने हार स्वीकारते हुए कहा कि जनता ने जो निर्णय दिया उसे वह विनम्रता के साथ स्वीकार करते हैं।
उन्होंने उम्मीद जताई कि जिस आशा के साथ लोगों ने भाजपा को बहुमत दिया है वह उन सभी उम्मीदों और आशाओं पर खरा उतरेगी।
मुख्यमंत्री आतिशी ने जनादेश स्वीकार करते हुए कहा है कि वह जीत अवश्य गई हैं, लेकिन आम आदमी पार्टी का संघर्ष दिल्ली की जनता के लिए जारी रहेगा। भाजपा नेताओं ने इस जीत का श्रेय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व को दिया है और कहा है कि यह परिणाम श्री मोदी पर जनता के विश्वास का प्रतीक है।