
लखनऊ । केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान रहमानखेड़ा में लगभग 40 दिन होने को है, लेकिन वन विभाग बाघ को पकड़ने में नाकाम है। वहीं बाघ की चहलकदमी से ग्रामीण भयभीत हैं। बाघ ने अपनी दहशत संस्थान के आस पास के गांव में रहने वाले ग्रामीणों में बनाये हुए हैं। बाघ हर दिन अपना स्थान बदल देता है। सिर्फ एक बात पक्की है कि बाघ रात के अंधेरे में शिकार करता है और दिन में घनी झाड़ियों में आराम करता है।

रविवार को प्रधान मुख्य वन संरक्षक, वन्य जीव अनुराधा बेमुरी, अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक डॉ. रेनू सिंह और डीएफओ सितान्शु पाण्डेय और नवाब वाजिद अली शाह प्राणि उद्यान के डॉक्टर उत्कर्ष शुक्ला ने टीम के साथ सभी जोन का निरीक्षण किया। डाक्टर और टीम ने मीठेनगर के पास एक और मचान बनाया है। जहां से बाघ की निगरानी की जा रही है। डीएफओ ने बताया कि संस्थान के अंदर और मचान के पास दोनों जगहों पर पड़वे को बांध के निगरानी की जा रही है। बाघ जैसे ही इनका शिकार करने आए तो उसे सुरक्षित रेस्क्यू किया जा सके।