जनता की शिकायतों को गम्भीरता से लें : जिलाधिकारी

जनता की शिकायतों का किया जाएगा क्रास वेरीफिकेशन
लखनऊ। सरकारी विभागों को आम जनमानस के फीडबैक को अनदेखा करना अब भारी पड़ेगा। जिलाधिकारी विशाख जी ने बिजली, लोक निर्माण, बेसिक शिक्षा समेत सभी विभागों के अफसरों को पब्लिक फीडबैक की अनदेखी करने पर फटकार लगाई। समीक्षा बैठक के दौरान उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि पब्लिक फीडबैक व शिकायतों को निस्तारण तुरंत किया जाए। उन्होंने कहा कि पब्लिक फीडबैक की जांच के लिए हर महीने 5 शिकायतकर्ताओं को कॉल करके क्रास वेरीफिकेशन किया जाएगा। डीएम ने बैठक से गायब अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी को वेतन रोके जाने के निर्देश समेत कारण बताओ नोटिस जारी किया गया।
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जिलाधिकारी विशाख जी ने मंगलवार को जनवरी के विभिन्न विभागों के असंतोषजनक पब्लिक फीडबैक की समीक्षा की। इसमें बेसिक शिक्षा व बिजली विभाग समेत कई विभाग को पब्लिक फीडबैक के प्रति रवैया संतोष जनक नहीं मिला। इसमें बिजली विभाग की समीक्षा के दौरान कई असंतोषजनक फीडबैक जिलाधिकारी को मिले। इस पर उन्होंने एक्सईएन व एई को शिकायतकर्ताओं की समस्याओं को गुणवत्तापरक निस्तारण करने के निर्देश दिए। वहीं, लोक निर्माण विभाग में 9 पब्लिक फीडबैक असंतोषजनक पाए गए जबकि सरोजनीनगर तहसील में 9, मोहनलालगंज में 4 व बीकेटी में 14 मामले असंतोषजनक पाए गए। वहीं, अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के पोर्टल पर 5 मामले असंतोषजनक पाए गए। जिनका निस्तारण नहीं किया गया। साथ ही अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी बैठक से भी गायब थे। इस पर डीएम ने उनको कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए वेतन रोके जाने के निर्देश दिए।
आरटीई दाखिलों को लेकर सबसे अधिक शिकायतें
समीक्षा के दौरान सबसे अधिक शिकायतें बेसिक शिक्षा विभाग की मिली। यहां पर करीब 25 मामले असंतोषजनक पाए गए। सबसे अधिक मामले आरटीई दाखिलों को लेकर थे। डीएम ने बीएसए को निर्देश दिए कि जितने भी शिकायतकर्ता हैं उनको कार्यालय में बुलाकर मामलों को निस्तारण करें। साथ ही बच्चों के दाखिले आगामी शिक्षा सत्र में आरटीई के माध्यम से कराएं।