कैबिनेट फैसले : 13 ऐतिहासिक धरोहरों को बनाया जायेगा हेरिटेज होटल

कैबिनेट फैसले : पीपीपी माडल पर होंगे विकसित सात बस स्टेशन
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में उत्तर प्रदेश अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण के गठन को मंजूरी दे दी है। बैठक की जानकारी देते हुए वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने गुरुवार को बताया कि इस प्राधिकरण के कार्यों को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए उत्तर प्रदेश जलमार्ग प्राधिकरण नियमावली 2025 को भी मंत्रिमंडल ने अनुमोदन दे दिया।
देश में 111 राष्ट्रीय जलमार्ग घोषित किए गए हैं, जिनमें उत्तर प्रदेश में गंगा, यमुना सहित कुल 11 राष्ट्रीय जलमार्ग मौजूद हैं। जलमार्गों के जरिए परिवहन को किफायती और सुविधाजनक बनाने के उद्देश्य से इस प्राधिकरण की स्थापना की जा रही है। जल परिवहन प्रणाली विकसित होने से यातायात के अन्य साधनों पर दबाव कम होगा और व्यापारिक गतिविधियों को भी बढ़ावा मिलेगा।
इस प्राधिकरण के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष सरकार द्वारा नामित विशेषज्ञ होंगे। वहीं वित्त, लोक निर्माण, पर्यटन एवं संस्कृति, सिंचाई एवं जल संसाधन और वन एवं पर्यावरण विभाग के प्रमुख सचिव इस प्राधिकरण के पदेन सदस्य होंगे। प्रदेश सरकार जल परिवहन के साथ-साथ जल पर्यटन को भी विकसित करने की योजना बना रही है। इस प्राधिकरण के माध्यम से विभिन्न पर्यटन स्थलों को जलमार्ग से जोड़ने और उन्हें आकर्षक बनाने की दिशा में प्रयास किए जाएंगे। इससे पर्यटकों को एक नया अनुभव मिलेगा और राज्य की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी। इसके अलावा मंत्रिमंडल ने मथुरा में नए ग्रीन फील्ड डेयरी संयंत्र की स्थापना के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी है। उन्होंने कहा कि मथुरा में दूध की उपलब्धता, विकास की संभावनाओं को देखते हुए यह डेयरी संयंत्र स्थापित किया जाएगा और इसकी क्षमता एक लाख लीटर प्रतिदिन की होगी, जिसे तीन चरणों में हासिल किया जाएगा।
पहले चरण में 30 हजार लीटर प्रतिदिन की क्षमता को प्राप्त किया जाएगा। यह डेयरी संयंत्र पहले फिरोजाबाद में लगाए जाने का प्रस्ताव था, लेकिन अब इसे मथुरा में स्थानांतरित करने का निर्णय लिया गया है। इसके अलावा प्रदेश विधानमंडल का बजट सत्र 18 फरवरी से शुरू होगा। वहीं शाहजहांपुर विकास प्राधिकरण के गठन और शाहजहांपुर विकास क्षेत्र घोषित करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी गयी।
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सरकार के अधीन वाले प्रदेश के 13 ऐतिहासिक धरोहरों को पीपीपी माडल पर हेरिटेज होटल, रिजॉर्ट म्यूजियम जैसे पर्यटन इकाइयों के रूप में विकसित किया जायेगा। ये भवन पर्यटन विभाग को निशुल्क हस्तान्तरित किये जाएंगे। इन भवनों में बालबेहट फोर्ट ललितपुर, मस्तानी महल महोबा, भूरागढ़ फ ोर्ट बांदा, टहरौली फ ोर्ट झांसी, सीताराम महल मथुरा, कोठी गुलिस्तान-ए इरम व दर्शन विलास लखनऊ, रघुनाथराव महल झांसी, रनगढ़ फ ोर्ट बांदा, वजीरगंज की बारादरी गोण्डा, टिकैतराय बारादरी कानपुर नगर, आलमबाग भवन लखनऊ, सेनापति महल महोबा और लेक पैलेस तालकोठी महोबा शामिल हैं। इसके अलावा लखनऊ के अमौसी डीपो सहित रोडवेज के 7 बस स्टेशनों को पीपीपी माडल पर विकसित किया जायेगा। डीपो की भूमि को विकासकर्ताओं को 90 वर्ष की लीज पर देने का फैसला लिया गया है।