मायावती ने कहा सरकारी वादों व दावों से नहीं भरेगा लोगों का पेट

जीएसटी में छूट देकर महंगाई को राहत दे सकती है सरकार : मायावती
लखनऊ । बसपा सुप्रीमो मायावती ने बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि भाजपा सरकार का यह चुनावी बजट है। इनकम टैक्स में 12 लाख रुपये तक की छूट से सर्वजन हिताय का भला कैसे हो सकता है। उन्होंने कहा है कि वास्तव में देश की सम्पूर्ण कर व्यवस्था और जीएसटी व्यवस्था में व्यापक सुधार की जरूरत है ताकि मासिक वेतन पाने वाले मध्यम वर्ग के साथ रोजमर्रा इस्तेमाल की चीजों पर कर का भारी बोझ कम हो और महंगाई के दौर में थोड़़ी राहत मिल सके।
बसपा सुप्रीमो ने रविवार को जारी एक बयान में कहा है कि केंद्रीय बजट अगर चुनावी व राजनीतिक स्वार्थ पर आधारित होगा तो उससे व्यापकजन व देशहित कैसे संभव होगा? वैसे तो 12 लाख रुपये तक के इनकम टैक्स में छूट देने को सरकार व सत्ताधारी पार्टी भाजपा राजनीतिक रूप से काफी भुनाने की कोशिश करने में लगी है लेकिन वेतन पाने वाले मध्यम वर्ग के एक छोटे से समूह को ही इसका लाभ मिल पाएगा।
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मायावती कहा कि भाजपा और उसकी केंद्र सरकार की गलत नीयत व नीतियों के कारण देश में छाई जबरदस्त महंगाई, गरीबी, बेरोजगारी, अशिक्षा, असुरक्षा जन व देशहित के ऐसे गंभीर वास्तविक मुद्दे हैं। इसके प्रति सच्ची देश भक्ति सोच व ईमानदार कार्यशैली बहुत जरूरी है तभी सर्वजन हिताय व सर्वजन सुखाय के लक्ष्य की प्रप्ति होगी। इसके अलावा, बजट जिस भी मद में निर्धारित किया जा रहा है उसका सही से उपयोग न होने से उसकी जमीनी लाभ लोगों को नहीं मिल पाना कांग्रेस के समय से ही बहुत बड़ी समस्या है।
मायावती ने कहा कि बजट का सही आंकलन, सही निर्धारण और बिना डायवर्जन के सही से जमीनी उपयोग सुनिश्चित होना जरूरी है वरना विकास व जीडीपी दर आदि के वादे और दावे सब वैसे ही हवा हवाई ही बने रहे जाएंगे जैसा कि कांग्रेस के समय से अब तक होता चला आ रहा है। उन्होंने कहा है कि देश की प्रगति व विकास पर सभी का हक होगा तभी देश गैर बराबरी व विषमताओं से मुक्त गौरव करने योग्य खुश व खुशहाल हो पाएगा। केवल सरकारी वादों व दावों से लोगों का पेट नहीं भरेगा और ना ही खाली पेट लोग बहुत दिनों तक सरकारी भजन करेंगे। इसीलिए सरकार केंद्र सरकार को राजनीतिक व चुनावी स्वार्थ से ऊपर उठकर पूरी तरह से जन व देशहित में बजट का आवंटन और उससे भ्रष्टाचार से मुक्त जमीनी हकीकत में उतारना भी बहुत जरूरी है।
कृषि उपज के लाभकारी मूल्य सुनिश्चित करने के लिए किसानों के आंदोलन और इस दौरान उनकी हो रही मौतों का जरूरी संज्ञान बजट में नहीं होने पर कहा कि सरकार की जिम्मेदारी बनती है कि वह उनकी मांगों पर ध्यान दे और उन्हें दिए गए आश्वासनों को जरूर बिना देरी किए पूरा करे।