
लखनऊ। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने संसद में कुम्भ में भगदड़ का मामला उठाना चाहा इस पर अन्य दलों ने भी उनका साथ दिया बाद में अनुमति न मिलने पर संसद से वॉकआउट कर गये। अखिलेश केन्द्रीय बजट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि इस सरकार के पास देश की जनता के लिए कोई विजन नहीं है। बजट किसान, नौजवान, गरीब विरोधी है। केन्द्र सरकार बजट के आंक ड़े के साथ महाकुंभ में जान गवांने वाले श्रद्धालुओं के आंक ड़े भी दे। उन्होंने कहा कि सब आंकड़े झूठे हैं। बजट में महंगाई, बेरोजगारी कम करने की कोई योजना नहीं है।
किसानों की आय बढाने और किसानों की फ सलों की एमएसपी का कानूनी अधिकार देने की कोई बात नहीं कही है। किसानों की कर्जमाफी की कोई बात नहीं है। खाने-पीने की चीजों में बढ़ती महंगाई को कम करने को लेकर कुछ नहीं कहा गया। इस बजट से किसानों, नौजवानों, गरीबों, व्यापारियों सभी को निराशा हुई है।
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अखिलेश ने कहा कि भाजपा सरकार झूठे आंकड़ों के जरिए आम जनता को भरमाने का काम कर रही है। दोषपूर्ण जीएसटी को लेकर बजट में सरकार मौन है। इस सरकार की दोषपूर्ण जीएसटी से व्यापार और व्यापारी बर्बाद हो गया है। सरकार मध्यम वर्ग को भी सब्जबाग दिखा रही है। दूसरे रास्ते से जनता की जेब काट रही है। दुनिया भर में अर्थव्यवस्था को लेकर ढ़िढोरा पीटने वाली सरकार सुरक्षित ढंग से एक कुंभ स्नान नहीं करा पा रही है। क्या यही भाजपा के विकसित भारत की परिभाषा है, लोग स्नान करने जायें और भगदड़ में मारे जाए। सड़कों पर कई दिन जाम में फं से रहें। भूख-प्यास से तड़प जाएं। अखिलेश ने कहा कि इस समय बजट में आकड़ों से ज्यादा जरूरी महाकुंभ भगदड़ में मरने वाले, घायलों और खोये लोगों का आंकड़ा है। सरकार इन आंकड़ों को क्यों नहीं दे रही है, क्या छिपा रही है।