आम बजट : 12 लाख रुपये की सालाना आय पर कोई टैक्स नहीं

नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को सुस्त पड़ती आर्थिक वृद्धि को गति देने के मकसद से एक तरफ जहां मध्यम वर्ग को बड़ी राहत देते हुए 12 लाख रुपये की सालाना आय पर कर छूट की घोषणा की है, वहीं दूसरी तरफ बीमा क्षेत्र में एफडीआई सीमा बढ़ाने समेत अगली पीढ़ी के सुधारों को तेज करने का प्रस्ताव किया है। बजट में विकसित भारत के लक्ष्य के लिए चार इंजन…कृषि, एमएसएमई, निवेश और निर्यात…को चिन्हित किया गया है। सीतारमण ने नौकरीपेशा और मध्यम वर्ग को बड़ी राहत देते हुए 12 लाख रुपये तक की वार्षिक आय को पूरी तरह से आयकर से छूट देने की घोषणा की।
कैंसर सहित 36 जीवन रक्षक दवाओं पर टैक्स खत्म
मेडिकल शिक्षा में बढ़ाई जाएंगी साढ़े सात हजार सीटें
इंटरनेट से जुड़ेंगे प्राथमिक और माध्यमिक स्कूल
किसान क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढ़ाकर 5 लाख रुपये
छोटे और मिडिल उद्योगों की लोन गारंटी 5 करोड़ से बढ़ाकर 10 करोड़
प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना का ऐलान
आयकर छूट नई कर व्यवस्था का विकल्प चुनने वाले आयकरदाताओं को मिलेगी।वेतनभोगी करदाताओं के लिए 75,000 रुपये की मानक कटौती के साथ अब 12.75 लाख रुपये तक कोई कर नहीं लगेगा।उन्होंने कर स्लैब में भी बदलाव किया है। इससे 25 लाख रुपये तक सालाना कमाने वालों को कर में 1.1 लाख रुपये की बचत होगी। वित्त मंत्री ने बजट के बाद संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि आयकर छूट सीमा को सात लाख रुपये से बढ़ाकर 12 लाख रुपये करने से एक करोड़ लोगों को कोई कर नहीं देना होगा।
उन्होंने यह भी कहा कि कर स्लैब में बदलाव से 6.3 करोड़ लोगों यानी 80 प्रतिशत से अधिक करदाताओं को लाभ होगा। सीतारमण ने संसद में 2025-26 का बजट पेश करते हुए कहा, नई कर व्यवस्था में छूट के माध्यम से मध्यम वर्ग के करों में काफी कमी आएगी और उनके हाथ में अधिक पैसा बचेगा, जिससे घरेलू उपभोग, बचत और निवेश को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा, विकसित भारत की दिशा में लोकतंत्र, जनसांख्यिकी और मांग हमारे प्रमुख समर्थक स्तंभ हैं।
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मध्यम वर्ग भारत की वृद्धि को ताकत प्रदान करता है…उनके योगदान को देखते हुए, हमने उनके कर के बोझ को समय-समय पर कम किया है। इसके साथ ही वरिष्ठ नागरिकों के लिए ब्याज पर कर छूट सीमा को मौजूदा 50,000 रुपये से बढ़ाकर एक लाख रुपये किया गया है। सीतारमण ने लोकसभा में अपना लगातार आठवां बजट पेश करते हुए अगली पीढ़ी के सुधारों का खाका भी पेश किया।
उन्होंने बीमा क्षेत्र में एफडीआई (प्रत्यक्ष विदेश निवेश) सीमा को 74 प्रतिशत से बढ़ाकर 100 प्रतिशत करने के साथ ही कर कानूनों को सरल बनाने का भी प्रस्ताव किया। इसके साथ सामाजिक क्षेत्रों के लिए आवंटन बढ़ाने के साथ-साथ गरीबों, युवाओं, किसानों और महिलाओं के लिए उपाय किए हैं। साथ ही बुनियादी ढांचे पर खर्च जारी रखा है। शेष पेज 5 परी का पहला पोस्टर रिलीज