सैनिक फार्म कॉलोनी पर फैसला करे केंद्र : दिल्ली उच्च न्यायालय

नई दिल्ली । दिल्ली उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार को केंद्र से दक्षिण दिल्ली की सैनिक फार्म कॉलोनी के नियमितीकरण पर निर्णय लेने को कहा। अदालत ने कहा कि अंतत: इसके भाग्य का फैसला किया जाना है।मुख्य न्यायाधीश डी.के. उपाध्याय और तुषार राव गेडेला की पीठ ने कॉलोनी के नियमितीकरण के लिए 2015 में दायर एक याचिका सहित अन्य याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए कहा कि मामले को लंबित नहीं रखा जा सकता और केंद्र के वकील से कहा कि वह पूर्ण निर्देश लें।
पीठ ने कहा, आप भारत सरकार से निर्देश चाहते हैं कि उसने क्या किया है। ऐसे मामले को लंबित क्यों रखा जाना चाहिए? कॉलोनी के भाग्य का फैसला होना चाहिए। हम इसे ऐसे ही चलते रहने की अनुमति नहीं दे सकते। आपको निर्णय लेना होगा। अदालत ने 2022 और 2023 में अपने आदेशों के बाद कहा कि केंद्र ने नियमितीकरण पर किसी भी निर्णय का खुलासा किए बिना एक हलफनामा दायर किया और केवल यह कहा कि एक नीतिगत निर्णय लिया जाना है।
अधिकारियों से समाधान निकालने को कहा है।
पीठ ने आदेश में कहा, प्रत्युत्तर में(पूर्ववर्ती आदेशों के) उनसे (केन्द्र के वकील से) पूर्ण निर्देश मांगने को कहिए। हमने पहले ही (पूर्ववर्ती आदेशों में) चिंता व्यक्त की है कि मामला काफी समय से लंबित है और तदनुसार हम उम्मीद करते हैं कि भारत संघ जल्द से जल्द नीतिगत निर्णय लेकर आएगा।
अदालत ने मामले की सुनवाई मार्च में तय की है और अधिकारियों से समाधान निकालने को कहा है। अदालत ने कहा, निर्माण कार्य चल रहे हैं। एक के बाद एक कॉलोनियां बन गई हैं…यह आपकी निष्क्रियता, ढिलाई या मिलीभगत के कारण है। याचिकाकर्ताओं के वकील ने कहा कि विवादित भूमि उनकी सोसायटी द्वारा 1962 में युद्ध विधवाओं को बसाने की योजना के तहत खरीदी गई थी।