
लखनऊ। प्रयागराज की धरती पर अयोजित आस्था का महापर्व महाकुंभ-2025 बुधवार को समाप्त हो गया। महाशिवरात्रि के अंतिम स्नान के साथ महाकुंभ की समाप्ति की घोषणा की गयी। 13 जनवरी से आयोजित महाकुंभ के इस 45 दिनों में 66.30 करोड़ श्रद्धालुओं ने संगम तट पर डुबकी लगायी। सरकारी आंकड़ों की माने तो देश के 60 प्रतिशत से अधिक सनातनियों ने महाकुंभ में स्नान किया है। देश में कुल 110 करोड़ सनातनी निवास करते हैं। 15 फरवरी से 26 फरवरी के बीच प्रतिदिन एक करोड़ से अधिक लोगों ने स्नान किया है। प्रदेश सरकार के मुताबिक महाकुंभ ने विश्व रिकार्ड बनाया है। आज तक दुनिया भर में किसी एक आयोजन में इतने जन सैलाब का कोई इतिहास नहीं है। यह आंकड़ा दुनिया के कई देशों की आबादी से कहीं ज्यादा है।
महाशिवरात्रि के अवसर पर बुधवार को करीब 1.53 करोड़ लोगों ने स्नान किया। अंतिम स्नान में भी हेलीकॉप्टर के जरिए श्रद्धालुओं पर पुष्पवर्षा की गयी। लगभग 20 क्विंटल गुलाब की पंखुड़ियों से पुष्पवर्षा कराई गई। पुष्पवर्षा सुबह 8 बजे शुरू हो गयी थी। महाकुंभ के सभी 6 प्रमुख स्नानों में करीब 120 क्विंटल गुलाब की पंखुड़ियों की वर्षा की गयी। महाकुंभ के समापन पर भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमानों ने सलामी दी। वायुसेना के जांबाज पायलटों ने हवा में अद्भुत कलाबाजियां दिखाईं। विमानों की तेज गर्जना सुन श्रद्धालुओं ने आसमान की ओर देखा, जहां सुखोई, एएन-32 और चेतक का शानदार प्रदर्शन चल रहा था। वायुसेना के शौर्य और पराक्रम ने लोगों को काफी आकर्षित किया। भारतीय वायुसेना के इस रोमांचकारी एयर शो के साथ ही महाकुम्भ का समापन हुआ। 45 दिन तक चले इस आयोजन में श्रद्धा की डुबकी लगाने के लिए दुनिया भर से श्रद्धालु जुटे हैं। 73 देशों के राजनयिकों के साथ भूटान नरेश नामग्याल वांगचुक समेत कई देशों के अतिथि यहां स्नान करने पहुंचे। सरकार के प्रवक्ता के मुताबिक नेपाल के भी 50 लाख से अधिक क्षद्धालुओं ने स्नान किया।
महाकुम्भ 2025 में सभी 13 अखाड़ों की उपस्थिति रही, जिन्होंने तीनों अमृत स्नान में पुण्य डुबकी लगाकर परंपरा का निर्वहन किया। इन 13 अखाड़ों के साथ इनके अनुगामी अखाड़े भी सम्मिलित हुए, जिसमें जूना अखाड़े का अनुगामी अखाड़ा किन्नर अखाड़ा आकर्षण का केंद्र रहा। इन अखाड़ों ने महाकुम्भ की परंपरा के अनुसार दीक्षा कार्यक्रमों का सफ लतापूर्वक संचालन संपन्न किया। विभिन्न अखाड़ों ने महामंडलेश्र समेत अन्य पदों पर नियुक्तियां भी कीं। 4000 हेक्टेयर में फैले महाकुम्भ नगर को 25 सेक्टर में विभाजित किया गया था। 12 किलो मीटर में कई पक्के घाटों का निर्माण किया गया। 1850 हेक्टेयर में पार्किंग निर्मित की गई थी। इन 45 दिनों में देश की राष्टï्रपति द्रौपदी मुर्मू, उप राष्टï्रपति जगदीप धनखड़ और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सहित कई राज्यों के गर्वनर और मुख्यमंत्रियों ने स्नान किया। महाकुंभ में डुबकी लगाने वाले प्रमुख नेताओं में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, सपा प्रमुख अखिलेश यादव शामिल थे। इस कुंभ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता कैबिनेट बैठक भी हुई।
राजस्थान के मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने भी यहां अपनी कैबिनेट की बैठक की। बॉलीवुड सितारों की बात करें तो अक्षय कुमार, विक्की कौशल, कट्रीना कैफ , पंकज त्रिपाठी, राजकुमार राव, ईशा गुप्ता, रवीना टंडन, विवेक ओबेराय, अनुपम खेर, हेमामालिनी, रवि किशन, तमन्ना भाटिया और सोनाली बेंद्रे समेत तमाम दिग्गज कलाकार यहां पहुंचे। देश के शीर्ष उद्योगपतियों मुकेश अंबानी, गौतम अडानी, अनिल अंबानी, ओला के मालिक भाविश अग्रवाल, लक्ष्मी मित्तल, आनंद पीरामल और अशोक हिंदुजा भी अपने परिवार के साथ यहां पहुंचे। खिलाड़ियों में सुनील गावस्कर, सुरेश रैना, खली, साइना नेहवाल, बाइचुंग भूटिया, अनिल कुंबले, आरपी सिंह और ईशांत शर्मा ने न सिर्फ संगम में पावन डुबकी लगायी, बल्कि यहां आकर साधु संतों का आशीर्वाद भी प्राप्त किया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 45 दिनों में 10 बार महाकुंभ पहुंचे। इस दौरान एक दुखद घटना भी हुई मौनी आमावस्या के दिन हुई भगदड़ में 30 क्षद्धालुओं को अपनी जान गवानी पड़ी थी। डीजीपी प्रशांत कुमार ने कहा कि पुलिस ने भीड़ प्रबंधन, सुरक्षा और तकनीक के इस्तेमाल का ऐसा उदाहरण पेश किया है, जो दुनिया में देखा नहीं गया है। इसी प्रशंसा सभी स्तरों पर हो रही है, पुलिस ने बिना शस्त्र के सबका दिल जीता है। हमारी टीम ने ऐसा आयोजन सफलतापूर्वक सम्पन्न किया है, जो अबतक पूरे विश्व में नहीं हुआ था।